ऐ मौत



लगता है जैसे कोई
नाता है तुझसे,
मिला तो नहीं कभी पर
शायद कोई वास्ता है
तुझसे......

सब छूट जाने पर,
रब से इबादत आखरी हो
जाने पर,
ज़िन्दगी की आखरी
किनारों पर,
ए  हमराही......
तू ठहरा रहता है
इंसान की आखरी मोड़
पर........

क्या इश्क़ और कौन जन्मों
तक है रहने वाले,
ज़िन्दगी के पन्नों पर
सब है धूल बनने
वाले.......

ऐ मौत......
लगता है कोई नाता है
तुझसे......
मिला नहीं कभी पर 
जैसे कोई वास्ता है 
तुझसे......

©देवेन्द्र दीप

Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post
Free Shubhdristi App Download Now